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मजेदार कलेवर में ‘दोस्त या लड़की’ का फंडा

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राजीव रंजन सोनू के टीटू की स्वीटी कलाकार: कार्तिक आर्यन, सन्नी सिंह निज्जर, नुसरत भरुचा, आलोक नाथ, वीरेंद्र सक्सेना, आयशा रजा, ईशिता राज शर्मा, मधुमालती कपूर निर्देशक: लव रंजन 3 स्टार (तीन स्टार) दोस्ती और दोस्तों के बीच लड़की। इस थीम पर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं। ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ भी युवा पीढ़ी को ध्यान में रख कर इसी थीम पर बनाई गई फिल्म है। एक ही थीम पर बनी फिल्मों को अगर कोई चीज अलग करती है तो वह है उनका प्रस्तुतीकरण। और इसमें कोई संदेह नहीं कि अपने प्रस्तुततीकरण की वजह से ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ एक अलग जमीन पर खड़ी दिखाई देती है। सोनू (कार्तिक आर्यन) और टीटू (सन्नी सिंह निज्जर) बचपन के दोस्त हैं। उनकी दोस्ती नर्सरी से शुरू होकर लेकर जवानी तक जारी है। दोनों एक साथ खाते-पीते हैं, एक साथ काम करते हैं, एक साथ रहते हैं। यूं कहें कि एक जिस्म दो जान हैं। सोनू जब 13 साल का था, तब उसकी मां का देहांत हो गया था। तब से टीटू का परिवार ही उसका परिवार हो गया। जब भी टीटू किसी मुसीबत में फंसता है, सोनू उसे बाहर निकालता है। और एक दिन टीटू की जिंदगी में स्वीटी (नुसरत भरुचा) आ

फिल्मों में इतिहास यानी दाल में नमक

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राजीव रंजन हिंदी फिल्मों और पौराणिक व ऐतिहासिक कथाओं का बहुत पुराना रिश्ता है, बल्कि यूं भी कह सकते हैं कि दोनों शुरू से साथ-साथ चल रहे हैं। भारत की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ पौराणिक किरदार हरिश्चंद्र पर आधारित थी। इसी तरह भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलमआरा’ एक पीरियड फिल्म थी, जिसमें एक काल्पनिक ऐतिहासिक राजपरिवार की कहानी दिखाई गई थी। दरअसल शुरुआती भारतीय सिनेमा पारसी थियेटर से बहुत प्रभावित था। यही वजह है कि हिंदी सिनेमा के प्रारम्भिक दौर में पौराणिक और ऐतिहासिक किरदारों की प्रधानता देखने को मिलती है। धीरे-धीरे यह पारसी थियेटर के प्रभाव से मुक्त हुआ और सामाजिक मुद्दे इसके केंद्र में आए। लेकिन पौराणिक और ऐतिहासिक किरदार भी इसकी दृष्टि से कभी ओझल नहीं हुए। रह-रह कर ऐसी फिल्में बनती रहीं और उन्हें दर्शकों का प्यार भी मिलता रहा। सोहराब मोदी की ‘पुकार’ (1939) से लेकर ‘पद्मावत’ (2018) तक बॉलीवुड का इतिहास से प्यार कायम है। हालांकि ‘पद्मावत’ को लेकर जिस तरह का उग्र विवाद हुआ है, और कंगना रनोट की ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ को लेकर विवाद की सुगबुगाहट होने लगी है, उसे देखते