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लाइट्स... कैमरा... एक्शन... और कट

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राजीव रंजन फिल्म: बागी 2 निर्देशक: अहमद खान संवाद: हुसैन दलाल और शान यादव कलाकार: टाइगर श्रॉफ, दिशा पटानी, मनोज बाजपेयी, रणदीप हुड्डा, दीपक डोबरियाल, प्रतीक बब्बर, दशर्न कुमार दो स्टार (2 स्टार) विस्तार में कुछ भी लिखने से पहले एक बात साफ कर देना जरूरी है। एक अभिनेता के तौर टाइगर श्रॉफ से आप क्या उम्मीद रखते हैं? अगर आप उनको उनके एक्शन और डांस के लिए पसंद करते हैं तो ‘बागी 2’ आपके लिए है। अगर आप उनसे अच्छे अभिनय की उम्मीद रखते हैं तो फिल्म देख कर नाउम्मीद होंगे। ‘बागी 2’ के नाम में बागी शब्द क्यों है, यह समझना थोड़ा मुश्किल है! अगर स्टंट को बगावत कहा जाता हो, तब तो ठीक है, वरना नाम से फिल्म का सम्बंध नहीं है। एक और बात, यह फिल्म ‘बागी’ का सीक्वल नहीं है। हां, यह जरूर है कि दोनों फिल्मों में प्रेम कहानी, अपहरण और एक्शन का प्लॉट कमोबेश एक जैसा है, लेकिन दोनों की कहानी एक-दूसरे से जुड़ी नहीं है। लिहाजा इसे फ्रेंचाइजी कहना ज्यादा ठीक होगा। दरअसल यह फिल्म 2016 की हिट तेलुगू फिल्म ‘क्षणम’ का हिंदी रीमेक है। रणवीर प्रताप सिंह उर्फ रॉनी (टाइगर श्रॉफ) फौजी है, जो कश्मीर

सोच की हिचकियां तोड़ती ‘हिचकी’

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राजीव रंजन कलाकार: रानी मुखर्जी, नीरज कबी, हर्ष मायर, सचिन पिलगांवकर, सुप्रिया पिलगांवकर, शिवकुमार सुब्रमण्यम, आसिफ बसरा निर्देशक: सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा लेखक: अंकुर चौधरी और सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा तीन स्टार (3 स्टार) पिछले कुछ वर्षों में बॉलीवुड ने कहानियों के स्तर पर अपनी सोच को हिचक को तोड़ा है। या यूं कहें कि अपनी सोच को काफी विस्तार दिया है। अब बॉलीवुड वैसी कहानियों को लेकर आ रहा है, जिन्हें पहले ‘सेफ’ नहीं माना जाता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में कई निर्देशकों और लेखकों ने इस धारणा को धराशायी किया है। अगर कहानी व पटकथा कायदे से लिखी जाए और उसे रोचक अंदाज में पेश किया जाए, सही तरह से पैकेजिंग की जाए तो दर्शक ‘ऑफ बीट’ कहानियों को भी अपना समर्थन देते हैं। पिछले साल आई ‘हिन्दी मीडियम’, ‘न्यूटन’, ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ और ‘तुम्हारी सुलु’ तथा इस साल की ‘पैडमैन’ और ‘रेड’ इसका पुख्ता सबूत हैं। रानी मुखर्जी की ‘हिचकी’ भी एक ऐसी ही फिल्म है, जो ब्रैड कोहेन की आत्मकथा ‘फ्रंट ऑफ द क्लास: हाऊ टॉरेर्ट सिंड्रोम मेड मी द टीचर आई नेवर हैड’ पर आधारित है। यह फिल्म

दिल को तसल्ली देती है ये रेड

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राजीव रंजन ढाई स्‍टार ( 2.5 स्‍टार) कलाकार: अजय देवगन , सौरभ शुक्ला , इलियाना डिक्रूज , अमित सियाल , पुष्पा जोशी , गायत्री अय्यर , शीबा चड्ढा निर्देशक: राजकुमार गुप्ता निर्माता: भूषण कुमार , कुमार मंगत पाठक , अभिषेक पाठक , किशन कुमार पटकथा व संवाद: रितेश शाह प्रचंड तपिश में बारिश की कुछ बूंदें भले ही मौसम न बदल पाएं , लेकिन थोड़ी राहत तो देती ही हैं। आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी व्यवस्था को कुछ ईमानदार अफसर बदल तो नहीं पाते , लेकिन उम्मीद के दिए को जलाए रखते हैं। ‘ रेड ’ एक ऐसे ही आयकर अधिकारी की कहानी है , जो हर तरह के जोखिम उठा कर अपना काम ईमानदारी से करते रहता है। यहां तक कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग भी यह कहने को मजबूर हो जाते हैं कि ऐसे लोगों से ही अर्थव्यवस्था के पहिए चलते हैं और इनके लिए एकाध रसूखदार लोगों की कुर्बानी दी जा सकती है। यह फिल्म उत्तर प्रदेश में 1980 के दशक में आयकर छापेमारी की सच्ची घटना पर आधारित है , जिसके बारे में फिल्मकारों का दावा है कि वह देश में सबसे ज्यादा समय तक चली रेड थी। अमय पटनायक (अजय देवगन) एक ईमानदार आयकर अधिकारी है।