राष्ट्रीय कवयित्री परिसंवाद- 2008 बदाह, जिला-कुल्लू, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के पार्वती और व्यास नदी के संगम स्थल भून्तर-समशी, जिला कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में दो दिवसीय राष्ट्रीय कवयित्री परिसम्मेलन- 2008 महिला साहित्यकार संस्था एवं भारतीय साहित्य परिषद् की कुल्लू इकाई के सौजन्य से संपन्न हुआ। परिसम्मेलन का उद्घाटन वरिष्ठ साहित्यकार एवं केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्षा मृदुला सिन्हा ने किया। सम्मेलन में डॉ. अलका सिन्हा (दिल्ली), डॉ. श्रीमती उषा उपाध्याय (गुजरात), श्रीमती ममता वाजपेयी, डॉ. रमणिता शारदा, डॉ. निर्मला मौर्य, डॉ. विद्या शर्मा, श्रीमती विजय राजाराम, श्रीमती नारायणी शुक्ला, श्रीमती कनकलता, श्रीमती नलिनी पुरोहित ने शिरकत की। भारतीय साहित्य परिषद् की हिमाचल प्रदेश इकाई की तरफ से डॉ. रीता सिंह ने आए कवियों का स्वागत-सत्कार किया। “” परिसंवाद में तीन विषय तय किए गए। प्रथम “महिला लेखन का कल आज और कल” पर बोलते हुए मृदुला सिन्हा ने कहा कि आज पश्चिम में “मां” की पुन: परिभाषा ढूंढी जा रही है। मां के लिए भारतीय दृष्टिकोण ही सनातन, अर्वाचीन, और