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फिल्म : ‘द इनविजिबल मैन’ की समीक्षा

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मन, विज्ञान और डर का कॉकटेल राजीव रंजन निर्देशक : ली वैनल कलाकार: एलिजाबेथ मॉस, ओलिवर जैक्सन कोवेन, हैरिएट डायर, एल्डिस हॉज, स्टॉर्म रीड, माइकल डोरमैन स्टार: तीन किसी व्यक्ति द्वारा इस हद तक नियंत्रित किया जाना कि अपना अस्तित्व ही बेमानी लगने लगे, यह कितना पीड़ा देने वाला हो सकता है, इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं है। चाहे नियंत्रण करने वाला अपना बेहद करीबी ही क्यों न हो! इसका प्रभाव नियंत्रण में रहने वाले व्यक्ति को इस कदर अपनी गिरफ्त में ले सकता है कि अपने पीड़क के जाने के बाद भी उसकी उपस्थिति पीड़ित को अपनी जिंदगी में महसूस होती है। ली वैनल द्वारा निर्देशित ‘द इनविजिबल मैन’ इसी कथ्य को केंद्र में रख कर बनाई गई फिल्म है। यह 1897 में प्रकाशित हुए एच.जी. वेल्स के उपन्यास ‘द इनविजिबल मैन’ का आधुनिक रूपांतरण है। इस पर 1933 में जेम्स वेल इसी नाम से एक क्लासिक फिल्म बना चुके हैं। बाद में भी इस पर कई फिल्में बनीं। इस पर कई टीवी शो भी बन चुके हैं। हालांकि उपन्यास मूल रूप से ‘साइंस फिक्शन’है, लेकिन ली वैनल ने ‘द इनविजिबल मैन’ के अपने संस्करण में एक नया फ्लेवर भी जोड़ दिया है, और वह है

भूत: पार्ट वन- द हॉन्टेड शिप की समीक्षा

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फिर वही पुरानी कहानी राजीव रंजन कलाकार: विक्की कौशल ,  भूमि पेडणेकर ,  आशुतोष राणा ,  आकाश धर ,  मेहर विज ,  संजय गुरबक्शानी निर्देशक: भानू प्रताप सिंह निर्माता: करण जौहर और हीरू जौहर स्टार- 2.5 बॉलीवुड में हॉरर फिल्में बनती रहती हैं ,  लेकिन उनमें याद रखने लायक इक्का-दुक्का ही हैं। दरअसल हॉरर जैसे रोमांचक विषय को बॉलीवुड में अब तक बहुत ढंग से पेश नहीं किया है। अभी भी इसमें काफी स्कोप है। रामसे ब्रदर्स के बाद विक्रम भट्ट ,  एकता कपूर ने इस तरह की कुछ फिल्में बनाई हैं ,  या फिर कभी-कभी कुछ छोटे बैनरों ने हॉरर फिल्में बनाई हैं। लेकिन बॉलीवुड के जो टॉप बैनर हैं ,  उन्होंने इस विधा को बहुत गंभीरता से लिया नहीं है। हां ,  रामगोपाल वर्मा ने जरूर इस विधा में  ‘ रात ’  और  ‘ भूत ’  जैसी कुछ बेहतरीन फिल्में दी हैं। अब करण जौहर जैसे बड़े निर्माता-निर्देशक के  ‘ धर्मा प्रोडक्शंस ’  ने भी पहली बार इस तरह की फिल्म बनाई है-  ‘ भूत: पार्ट वन- द हॉन्टेड शिप ’ । यह कहानी है एक अभिशप्त जहाज की। पृथ्वी (विक्की कौशल) एक शिपयार्ड कंपनी में अधिकारी है। उसकी पत्नी (भूमि पेडणेकर) और बेटी एक द

फिल्म ‘लव आज कल 2’ की समीक्षा

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इस लव में एहसास कम हैं, और दर्शन ज्यादा राजीव रंजन कलाकार: कार्तिक आर्यन, सारा अली खान, आरुषि शर्मा, रणदीप हुड्डा, सिमोन सिंह, मोहित चौधरी निर्देशक: इम्तियाज अली दो स्टार बॉलीवुड के नए ‘लव गुरु’ इम्तियाज अली एक और प्रेम कहानी लेकर आए हैं। 2009 की अपनी फिल्म ‘लव आज कल’ का इसी नाम से नया संस्स्करण लेकर। पहले वाले में सैफ अली खान मुख्य भूमिका में थे और इस बार उनकी बेटी सारा अली खान एक मुख्य भूमिका में हैं। इम्तियाज अली की इस फिल्म की कहानी भी कमोबेश पिछली फिल्म जैसी ही है, बस मामूली फेरबदल है। लोकेशन इस बार भारत में ही है, जबकि पिछली फिल्म में लोकेशन लंदन और भारत दोनों थे। इसमें सैफ की जगह कार्तिक हैं। दीपिका की जगह सारा हैं, ऋषि कपूर की जगह रणदीप हुड्डा हैं और गिजेली मोंटेरो की जगह आरुषि शर्मा हैं। जूही उर्फ जोई (सारा अली खान) करियर को लेकर महत्वाकांक्षी लड़की है। वह इवेंट मैनेजमेंट में ऊंचा मुकाम बनाना चाहती है। उसके जीवन का फलसफा करियर और मौज-मस्ती है, इसीलिए वह रिश्ते में कमिटमेंट से दूर भागती है। वह दिल्ली में रोज रघु (रणदीप हुड्डा) के कैफै में जाती है और वहीं बैठ कर जॉब

फिल्म ‘शिकारा’ की समीक्षा

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कश्मीरी पंडितों की त्रासदी की पृष्ठभूमि में एक प्रेम कहानी राजीव रंजन कलाकार: आदिल खान, सादिया, प्रियांशु चटर्जी निर्देशक: विधु विनोद चोपड़ा लेखक: राहुल पंडिता, अभिजात जोशी, विधु विनोद चोपड़ा 3 स्टार आज से करीब 30 साल पहले, 19 जनवरी 1990 को हजारों कश्मीरी पंडितों को आतंक वाद का शिकार होकर अपना घर छोड़ना पड़ा था। हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि वे जल्दी ही अपने घरों में दुबारा से उसी तरह रह पाएंगे, जैसे दशकों से रहते आए थे। उन्हें उम्मीद थी कि उनके लिए देश की संसद में शोर मचेगा, लेकिन उनके पक्ष में कहीं से कोई आवाज नहीं उठी। तब से लेकर 30 साल बीत गए, आज भी वे अपने घरों को लौट नहीं सके हैं। अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं। शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। उनमें कई कश्मीरी पंडित अपने घर में फिर से रहने की आस अपने सीने में दबाए दुनिया से विदा भी हो गए। निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘शिकारा’ इसी कथ्य के आसपास रख कर बुनी गई फिल्म है। हालांकि उन्होंने घाटी में आतंक की खेती और उसके परिणामस्वरूप कश्मीरी पंडितों पर हुए वीभत्स अत्याचारों को फिल्म में बस संदर्भ के रूप मे