पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापरी से फिल्म "पिहू" पर बातचीत
यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बड़ा सामाजिक मुद्दा भी है: विनोद कापरी
मेरे कई दोस्तों ने भी ऐसा कहा था कि एक दो साल की बच्ची को लेकर एकमात्र पात्र वाली फिल्म बनाना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मैंने व्यावसायिक पक्ष के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। बस, मुझे लगा कि ऐसी कहानियां कही जानी चाहिए। फिल्मों के जरिये ऐसे मुद्दे समाज की दृष्टि में आने चाहिए। और एक अहम बात, आज का दर्शक भी सजग हुआ है, परिपक्व हुआ है। वह अच्छे कंटेंट को प्रोत्साहित करने लगा है। अब अच्छे कंटेंट का बाजार बढ़ रहा है। बड़े निर्माता भी ऐसी फिल्मों को सपोर्ट करने के लिए आगे आ रहे हैं। मेरी फिल्म को ही रोनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर जैसे बड़े नामों ने सपोर्ट किया है। शायद यह विश्व की पहली फिल्म है, जिसे सिर्फ दो साल की एक बच्ची के साथ शूट किया गया है।
सिर्फ दो साल की एक बच्ची के साथ बनाई गई इकलौते किरदार वाली ‘सोशियो-थ्रिलर’ फिल्म ‘पीहू’ का ट्रेलर लोगों को काफी लुभा रहा है। इसकी प्रशंसा अमिताभ बच्चन और मनोज बाजपेयी जैसे बड़े अभिनेता भी कर चुके हैं। इस फिल्म का निर्देशन पत्रकार विनोद कापरी ने किया है। वह इससे पहले फिल्म ‘मिस टनकपुर हाजिर हो’ का निर्देशन भी कर चुके हैं। ‘पीहू’ को लेकर राजीव रंजन की विनोद कापरी से बातचीत:
- ‘पीहू’ बनाने का विचार मन में कैसे आया?
- एक दो साल की बच्ची के साथ फिल्म शूट करने का अनुभव कैसा रहा? आपने पूरी फिल्म स्क्रिप्ट के अनुसार ही शूट की या फिर मौके के मुताबिक फेरबदल भी किए?
- सिर्फ एक कलाकार, वह भी दो साल की बच्ची को लेकर फिल्म बनाने में आपको जोखिम महसूस नहीं हुआ?
- हर फिल्मकार अपनी फिल्म के जरिये कुछ कहना चाहता है, आप इस फिल्म के जरिये दर्शकों से क्या कहना चाहते हैं?
- आप एक पत्रकार भी हैं और फिल्मकार भी, क्या आपकी पत्रकारीय दृष्टि आपकी फिल्मों को प्रभावित करती है?
(11 नवंबर को ‘हिन्दुस्तान’ के रविवारीय परिशिष्ट ‘फुरसत’ में प्रकाशित)
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