फिल्म ‘कैप्टन मार्वल’ की समीक्षा
बड़ी लड़ाई के पहले की झांकी!
राजीव रंजन
निर्देशक: एना बोडेन और रयान फ्लेक
कलाकार: ब्री लार्सन, सैमुअल एल. जैक्सन, बेन मेन्डेल्सन, जूड लॉ, ली पेस
ढाई स्टार (2.5 स्टार)
अंतरराष्ट्रीय
महिला दिवस के अवसर पर रिलीज हुई ‘कैप्टन मार्वल’ मार्वल स्टूडियो
की पहली सोलो महिला सुपरहीरो फिल्म है। इसे स्टूडियो की तरफ से महिला सशक्तीकरण के
एक संदेश के रूप में देखा जा सकता है। इससे पहले मार्वल स्टूडियो की 20 फिल्में आ चुकी हैं। वैसे 2018 में आई ‘एंट मैन एंड द वास्प’ में भी महिला सुपरहीरो थी, लेकिन उसके साथ एक पुरुष सुपरहीरो भी था। तो ‘कैप्टन मार्वल’ इस मायने में खास है कि पूरी फिल्म महिला
सुपरहीरो के कंधों पर ही आगे बढ़ती है। इसके अलावा, निर्देशन (एना बॉडन) और लेखन (एना बॉडन व
जेनेवा रॉबर्ट्सन ड्वोरेट) में भी महिलाएं अहम भूमिका में हैं।
फिल्म की कहानी सन् 1995 की है। यानी यह कहानी तब की है, जब मार्वल का कोई सुपरहीरो अस्तित्व में नहीं आया था। मार्वल की पहली सुपरहीरो फिल्म ‘थोर’ 2008 में आई थी। तो कह सकते हैं कि यह फिल्म मार्वल स्टूडियो के पहले सुपरहीरो की भी कहानी है। और यह संभवत: सबसे ताकतवर सुपरहीरो भी है। इस ब्रह्मांड की दो एलियन प्रजातियों ‘क्री’ और ‘स्क्रल’ की लड़ाई के बीच हमारी पृथ्वी फंस जाती है, जिसे वे ‘सी-53’ ग्रह के नाम से बुलाते हैं। क्री के स्पेसक्राफ्ट में सुपरपावर से युक्त महिला होती है कैरॉल डेनवर्स (ब्री लार्सन), लेकिन उसे अपनी शक्तियों के बारे में पता नहीं होता। क्री उसे वीयर्स के नाम से बुलाते हैं। उसके हाथ में आग का गोला फेंकने की अद्भुत शक्ति है, पर वह इसे सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पाती। एक लड़ाई में स्क्रल उसे पकड़ लेते हैं और उससे एक एनर्जी सोर्स के बारे में पता लगाना चाहते हैं। दरअसल इस एनर्जी से डॉ. लॉर्सन (एनेट कैरॉल बिनिंग्स) एक ऐसा इंजन बनाने वाली थीं, जो बिजली की गति से भी तेज रफ्तार से चल सकता है। स्क्रल उसे हासिल कर एक ऐसी जगह चले जाना चाहते हैं, जहां क्री कभी न पहुंच सकें। स्क्रल का मुखिया उस एनर्जी सोर्स के बारे में कैरॉल के दिमाग से जानकारी हासिल करना चाहता है, क्योंकि एक समय में वह डॉ. लार्सन की सहयोगी रह चुकी है।
फिल्म की कहानी सन् 1995 की है। यानी यह कहानी तब की है, जब मार्वल का कोई सुपरहीरो अस्तित्व में नहीं आया था। मार्वल की पहली सुपरहीरो फिल्म ‘थोर’ 2008 में आई थी। तो कह सकते हैं कि यह फिल्म मार्वल स्टूडियो के पहले सुपरहीरो की भी कहानी है। और यह संभवत: सबसे ताकतवर सुपरहीरो भी है। इस ब्रह्मांड की दो एलियन प्रजातियों ‘क्री’ और ‘स्क्रल’ की लड़ाई के बीच हमारी पृथ्वी फंस जाती है, जिसे वे ‘सी-53’ ग्रह के नाम से बुलाते हैं। क्री के स्पेसक्राफ्ट में सुपरपावर से युक्त महिला होती है कैरॉल डेनवर्स (ब्री लार्सन), लेकिन उसे अपनी शक्तियों के बारे में पता नहीं होता। क्री उसे वीयर्स के नाम से बुलाते हैं। उसके हाथ में आग का गोला फेंकने की अद्भुत शक्ति है, पर वह इसे सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पाती। एक लड़ाई में स्क्रल उसे पकड़ लेते हैं और उससे एक एनर्जी सोर्स के बारे में पता लगाना चाहते हैं। दरअसल इस एनर्जी से डॉ. लॉर्सन (एनेट कैरॉल बिनिंग्स) एक ऐसा इंजन बनाने वाली थीं, जो बिजली की गति से भी तेज रफ्तार से चल सकता है। स्क्रल उसे हासिल कर एक ऐसी जगह चले जाना चाहते हैं, जहां क्री कभी न पहुंच सकें। स्क्रल का मुखिया उस एनर्जी सोर्स के बारे में कैरॉल के दिमाग से जानकारी हासिल करना चाहता है, क्योंकि एक समय में वह डॉ. लार्सन की सहयोगी रह चुकी है।
कैरॉल वहां से भागने में सफल हो जाती है और ‘सी-53’ यानी पृथ्वी पर आ गिरती है। यहां उसका सामना शील्ड के एजेंट निक फ्यूरी (सैमुअल एल. जैक्सन) से होता है। दोनों में दोस्ती हो जाती है और फ्यूरी उसका अंत तक साथ निभाता है। पृथ्वी पर आने के बाद अपनी जिंदगी के कई किस्सों के बारे में पता चलता है, जो उसे याद नहीं होते। उसे अपने जीवन की छह साल पहले यानी 1989 की घटना के बारे में पता चलता है। फिर कैरॉल के कैप्टन मार्वल बनने की कहानी शुरू होती है...
इस फिल्म की
कहानी कुछ खास नहीं है, लेकिन तकनीक और एक्शन की वजह से यह कमी छिप जाती है। अगर मोटे तौर पर देखें,
तो सुपरहीरो वाली सभी
फिल्में अमूमन एक जैसी ही होती हैं। उनमें एक्शन और तकनीक का ही सबसे अहम रोल होता
है। अगर उनमें से ये दोनों चीजें कम कर दी जाएं, तो वे एक साधारण बॉलीवुड फिल्म से ज्यादा नजर
नहीं आएंगी। खैर, निर्देशक जोड़ी
एना बॉडन और र्यान फ्लेक ने इसे ठीक से प्रस्तुत किया है और इसे देख कर निराशा
नहीं होती। कैप्टन मार्वल के रूप में ब्री लार्सन अच्छी लगी हैं। एक्शन दृश्यों
में वह जमी हैं और भावनात्मक दृश्यों में भी अच्छी लगी हैं। सैमुअल जॉनसन भी
प्रभावित करते हैं। फिल्म में जो थोड़ा-बहुत हास्य है, उनके जिम्मे ही है। उन्हें अपनी वर्तमान उम्र
से कम दिखाने के लिए (क्योंकि कहानी 1995 की है), डी-एजिंग यानी उम्र कम करने वाली तकनीक का सहारा लिया गया है। बाकी कलाकार भी
अपने किरदार में ठीक लगे हैं।
फिल्म का जब अंत होता है, तो यह साफ हो जाता है कि यह फिल्म ‘एवेंजर्स: एंडगेम’ की पृष्ठभूमि है, जिसमें इससे आगे की कहानी दिखाई जाएगी और वह एक बहुत बड़ी लड़ाई होगी, जहां कैप्टन मार्वल के साथ कई और धांसू सुपरहीरो भी होंगे। अगर आप सुपरहीरो वाली फिल्मों के मुरीद हैं, तो यह फिल्म देख सकते हैं।
फिल्म का जब अंत होता है, तो यह साफ हो जाता है कि यह फिल्म ‘एवेंजर्स: एंडगेम’ की पृष्ठभूमि है, जिसमें इससे आगे की कहानी दिखाई जाएगी और वह एक बहुत बड़ी लड़ाई होगी, जहां कैप्टन मार्वल के साथ कई और धांसू सुपरहीरो भी होंगे। अगर आप सुपरहीरो वाली फिल्मों के मुरीद हैं, तो यह फिल्म देख सकते हैं।
(हिन्दुस्तान में 9
मार्च 2019 को प्रकाशित)
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