फिल्म ‘टॉय स्टोरी 4’ की समीक्षा

खिलौनों की दुनिया उन्हीं की नजर से

राजीव रंजन

निर्देशक: जॉश कूले

वॉयस ओवर: टॉम हैंक्सटिम एलनएनी पॉट्सटोनी हेलक्रिस्टीना हेंडरिक्समेडेलिन मैकग्रॉआदि

बचपन और खिलौनों का अटूट रिश्ता है। समय के साथ खिलौने बदल गएदिनोंदिन हाई-टेक होते गए। लेकिन एक बात अब भी नहीं बदली हैवह है बच्चों और खिलौनों का रिश्ता। हालांकि एक समय ऐसा आता हैजब बच्चे बड़े हो जाते हैं और अपने प्यारे खिलौनों से दूर हो जाते हैं। अगर खिलौने बोल सकतेतो शायद वे हमें बता पाते कि उन्हें भी अपने प्यारों से बिछड़ने पर तकलीफ होती है। इसके बावजूद वे फिर से दूसरे बच्चों को खुश करने में जुट जाते हैंक्योंकि खिलौनों की जिंदगी’ ही बच्चों को खुश करने के लिए है। टॉय स्टोरी 4’ यही बात कहने की कोशिश करती है। यह लोकप्रिय टॉय स्टोरी’ फ्रेंचाइजी की संभवत: आखिरी फिल्म हैजो पिछली किश्त के नौ साल बाद और पहली किश्त के 24 साल बाद रिलीज हुई है।
फिल्म की कहानी वहीं से आगे बढ़ती हैजहां वह पिछली किश्त में खत्म हुई थी। काउबॉय वूडी अब एंडी के जीवन से निकल कर बॉनी के घर आ गया है। उसके कई और साथी भी उसके साथ बॉनी के घर में आ गए हैं। वूडी कभी एंडी का पसंदीदा खिलौना हुआ करता थालेकिन एंडी अब कॉलेज जाने लगा हैइसलिए उसे खिलौनों की जरूरत नहीं रही। वूडी एंडी का पसंदीदा खिलौना थालेकिन बॉनी पसंदीदा नहीं है। फिर भी वह बॉनी को खुश देखना चाहता हैइसलिए एक दिन वह बॉनी को फोर्क (कांटा) और कबाड़ के दूसरे सामान की मदद से फोर्की को बनाने में मदद करता है। अब यही फोर्कीबॉनी का पसंदीदा खिलौना बन जाता है। लेकिन वह खुद को कचरा समझता हैइसीलिए बार-बार डस्टबिन में भाग जाता है। वूडी उसकी हमेशा निगरानी करता है और बार-बार पकड़-पकड़ कर लाता हैक्योंकि बॉनी उसके चले जाने से उदास न हो जाए।
एक दिन अपने माता-पिता और अपने सारे खिलौनों के साथ मिनी बस में आरवी पार्क की ट्रिप पर जाती है। फोर्की रास्ते में कूद कर भाग जाता है। उसे वापस लाने के लिए वूडी भी बस से कूद कर निकल जाता है। और जब वह फोर्की को पकड़ वापस जा रहा होता है। तभी उसे एक एंटिक सेकंडहैंड शॉप दिखाई देती हैजहां वह अपनी सबसे प्यारी दोस्त बो पीप से बिछड़ गया था। वह बो को ढूंढ़ने वहां जाता है। उस शॉप में उसकी मुलाकात एक खिलौने गैबी गैबी से होती हैजो अपना वॉयस बॉक्स खराब होने की वजह से किसी भी बच्चे का संग हासिल नहीं कर पाती। उसके साथ कुछ जोकरनुमा बदमाश गार्ड भी हैं। गैबी गैबी और उसके गार्ड वूडी और फोर्की को पकड़ लेते हैंताकि वूडी का वॉयस बॉक्स हासिल कर सकें। वूडी किसी तरह वहां से निकल कर भाग जाता है और अचानक उसकी मुलाकात बो पीप से होती हैजो अब किसी का खिलौना नहीं है और आजादी की जिंदगी जी रही है। वूडीफोर्की को बचाने के लिए उसकी मदद मांगता है...
यह बतौर निर्देशक जॉश कूले की पहली फिल्म है और उन्होंने अपना काम बखूबी किया है। इसका एनिमेशन शानदार है। इस फिल्म को उन्होंने एक्शनरोमांचइमोशन के सही मिश्रण के साथ बहुत रोचक तरीके से पेश किया है। और हांरोमांस और कॉमेडी का तड़का भी नहीं लगाना भूले हैं। फिल्म की वॉयसओवर बहुत अच्छी है और खिलौनों को जीवंत कर देती है। यह फिल्म संदेश भी देती है। टॉय सिरीज’ में ज्यादातर खिलौने पुराने ही हैंलेकिन फोर्की और कुछ नए खिलौनों को भी इसमें शामिल किया गया है। फिल्म का संगीत भी विषय के अनुकूल है। इसे थ्री-डी में देखने में ज्यादा मजा आएगा। टॉय स्टोरी 4’ ने अपनी पिछली तीनों किश्तों के स्तर को बनाए रखा है। वैसे तो यह मूल रूप से बच्चों की फिल्म हैलेकिन इसमें बड़ों को भी लुभाने का भी पूरा माद्दा है।

(22 जून 2019 को हिन्दुस्तान में प्रकाशित)

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