वेब सिरीज ‘पति पत्नी और वो’ की समीक्षा
एक सीधी-सादी सी मनोरंजक कहानी
राजीव रंजन
निर्देशक : निशीथ नीरव नीलकंठ
कलाकार: अनंत विधात शर्मा, रिया सेन, विन्नी अरोड़ा, सक्षम शुक्ला, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, जसपाल शर्मा, राजेश आहूजा, श्रेष्ठा गुप्ता, नयना सागर, सोनम श्रीवास्तव, रामजी लाल शर्मा
स्टार- तीन
हिंसा, सेक्स और गालियां, आज डिजिटल मनोरंजन प्लेटफॉर्मों की विशिष्ट पहचान बन गए हैं। हालांकि समय-समय पर कुछ लेखक, निर्माता और निर्देशक कुछ ऐसे शो या सिरीज लेकर आते हैं, जो इस धारणा को ध्वस्त तो नहीं करते, लेकिन थोड़ा सुकून जरूर देते हैं। एमएक्स प्लेयर पर प्रसारित हुई वेब सिरीज ‘पति पत्नी और वो’ ऐसी सिरीज है, जो साफ-सुथरा मनोरंजन करती है। इस नाम से दो लोकप्रिय फिल्में बन चुकी हैं। करीब एक दशक पहले इसी नाम से एक रियलिटी शो भी आ चुका है। पर इन सबसे वेब सिरीज की कहानी का कोई लेना-देना नहीं है। इसमें ‘वो’ कोई जीती-जागती औरत नहीं, कोई और है।
मथुरा के निवासी मोहन (अनंत विधात शर्मा) की पत्नी सुरभि (विन्नी अरोड़ा) का निधन हो जाता है। मरने से पहले वह मोहन से वादा ले लेती है कि उसका श्राद्ध करने के ठीक बाद, उसी दिन वह दूसरी शादी कर लेगा, तभी वह निश्चिंत हो सकेगी और उसे मुक्ति मिलेगी। मोहन ऐसा ही करता है। इधर श्राद्ध के बीच वह किसी तरह अपनी शादी तय करने के लिए भागदौड़ करता है। उसे एक लड़की रिमझिम (रिया सेन) मिल भी जाती है, लेकिन उसके पिता और बुआ की शर्त है कि वो लड़की नहीं दिखाएंगे। मोहन का दोस्त गुरु घंटेश्वर गुप्ता उर्फ थ्री जी (सक्षम शुक्ला) उसे मना करता है, लेकिन सुरभि की इच्छा पूरी करने के लिए मोहन बिना लड़की देखे शादी को तैयार हो जाता है। मोहन जब रिमझिम का घूंघट उठाता है, तो उसकी सुंदरता देख कर मुग्ध हो जाता है। उधर सुरभि की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है। वह मोहन को रिमझिम की ओर खिंचता देख पृथ्वी पर ही रुक जाती है और दोनों की गृहस्थी में कुंडली मार कर बैठ जाती है। वह सिर्फ मोहन को दिखाई देती है और उसे अपनी हर बात मानने को मजबूर करती है, जिससे मोहन के सामने बड़े अजीबोगरीब हालात पैदा हो जाते हैं...
एक सीधी-साधी कहानी को निर्देशक निशीथ नीरव नीलकंठ ने हलके-फुलके और रोचक अंदाज में पेश किया है। स्त्री हो या भूतनी, अपने पति को दूसरी औरत के साथ देख कर उसे बेचैनी होने लगती है, इस कल्पना को आधार बना तैयार लिखी गई कहानी गुदगुदाती है, कई बार भावुक भी करती है। पटकथा में कई चीजें गैरजरूरी हैं, पर कुल मिलाकर यह ठीक से लिखी गई है। इसकी पृष्ठभूमि मथुरा की है और सिनमेटोग्राफर ने वहां के मिजाज को पकड़ने की कोशिश की है। संवादों के जरिये भी माहौल को प्रामाणिक बनाने की कोशिश की गई है। खासकर थ्रीजी का लहजा तो विशुद्ध मथुरा वाला लगता है। इस किरदार को सक्षम शुक्ला ने शानदार तरीके से निभाया है।
अनंत विधात शर्मा ने जबर्दस्त अभिनय किया है। विन्नी अरोड़ा का अभिनय भी अच्छा है। रिया सेन सुंदर लगने के साथ अभिनय में भी ठीक रही हैं। पंडित के किरदार में जसपाल शर्मा का काम भी मजेदार है। सुरभि के भाई कुक्कू के किरदार में सिद्धार्थ चतुर्वेदी का काम भी ठीक है।
यह एक रोचक वेब सिरीज है, जिसे आप परिवार के साथ बैठ कर निस्संकोच देख सकते हैं।
(हिंदुस्तान में 25 जुलाई, 2020 को प्रकाशित)
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